Dr. Ateendra Jha
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इश्क़ की कीमत..
ज़माने की क्या औकादकी वो किसीका मोलभाव करे,अक्सर बेवफाइश्क़ नीलाम कर दिया करते हैं।
अक्सर अपनों के जख्म ही नासूर हो जाया करते हैं ।
June 28, 2021 at 5:56:09 PM
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Shayari